शिव पुराण के अनुसार शिवलिंग पर चढ़ा हुआ जल तीन बार पीने से तीनो प्रकार के पाप कायिक, वाचिक और मानसिक का नाश हो जाता है। तथा शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
शिवलिंग पर चढ़ा हुआ जल पीना चाहिए या नहीं।
सोमवार के दिन शिवलिंग पर जल चढ़ाने से मनुष्य की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती है। इसी प्रकार शिवलिंग पर चढ़ा हुआ जल तीन बार पीने से मनुष्य के तीनो प्रकार के पाप कायिक, वाचिक और मानसिक का नाश हो जाता है।
इस बात का उल्लेख शिव पुराण में किया गया है।
शिवलिंग पर चढ़ा हुआ जल पीने के लाभ-
- शिवलिंग पर चढ़ा हुआ जल तीन बार पीने से दुखों का अंत हो जाता है।
- सोमवार के दिन शिवलिंग पर चढ़ा हुआ जल पीने से मन शांत रहता है पढ़ाई में मन लगता है।
- मानसिक तनाव से राहत मिलता है।
- किसी भी प्रकार की आने वाली बाधाए दूर हो जाती है।
- पापों का विनाश हो जाता है।
- भगवान भोलेनाथ की भक्ति में अधिक मन लगता है।
- मन चाहा फल मिलता है।
शिवलिंग पर चढ़ा हुआ बेलपत्र खाना चाहिए की नहीं।
शिवलिंग पर चढ़ा हुआ बेलपत्र खाना चाहिए इससे दुख तथा दरिद्रता दूर होती है। पुराणों के अनुसार शिवलिंग पर चढ़ा हुआ बेलपत्र दुखों का विनाशक होता है।
शिवलिंग पर चढ़ा हुआ बेलपत्र इतना चमत्कारी होता है की इसके सेवन मात्र से मनुष्य के कष्ट दूर जाते है।
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शिवलिंग पर जल किस दिशा की तरफ मुँह करके देना चाहिए।
शिवलिंग पर जल अर्पित करने वाले लोगों में से बहुत कम को यह पता होता है की किस दिशा में मुंह करके शिवलिंग पर जल देना चाहिए।
अगर आप उनमें से एक हैं तो आज आपको पता चल जाएगा की किस दिशा की ओर मुंह करके शिवलिंग पर जल चढ़ाना चाहिए तो इसका सही जवाब है की उत्तर दिशा की ओर मुंह करके शिवलिंग पर जल चढ़ाना चाहिए।
भगवान शंकर को कौन सा महीना सबसे अधिक प्रिय है।
भंवर शंकर को सावन का महीना सबसे अधिक प्रिय है क्योंकि सावन के महीने में ही माता पार्वती ने कठोर तपस्या तथा उपवास रखकर भगवान शिव को प्रसन्न किया था।
और भगवान शिव ने माता पार्वती को पत्नी के रूप में स्वीकार किया था।
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