Diwali 2024 Date & Muhurat: दिवाली हिंदुओं का सबसे प्रमुख त्योहार है। यह त्योहार अधर्म पर धर्म की विजय का प्रतीक है दीपावली का त्यौहार पूरे भारतवर्ष के साथ-साथ दुनिया के अन्य देशों में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। दीपावली के त्यौहार की प्रतीक्षा सभी भारतवासी बड़ी बेसब्री से करते हैं की दीपावली कब है या दीपावली कब आएगी आदि।
आज हम दीपावली से जुड़े इतिहास, परंपरा तथा इसके महत्व के बारे में बात करेंगे।
Diwali 2024 – दीपावली कब है?
कार्तिक मास की अमावस्या तिथि को दिवाली का त्यौहार मनाया जाता है। साल 2024 में दिवाली 1 नवंबर दिन शुक्रवार को पड़ रही है। दिवाली का त्योहार पांच दिनों का होता है धनतेरस से इस त्यौहार की शुरुआत होती है तथा भाई दूज पर समाप्ति होती है।
त्योहार का नाम | दिवाली, दीपावली |
दिवाली 2024 में कब है | 1 नवंबर, दिन शुक्रवार |
धनतेरस | 29 अक्टूबर |
Diwali 2024 शुभ मुहूर्त तथा पूजा विधि
हर वर्ष दिवाली का शुभ मुहूर्त अलग-अलग होता है। तो आईए जानते हैं की दिवाली का शुभ मुहूर्त कब है
- दिवाली का त्योहार 1 नवंबर 2024 दिन शुक्रवार को है।
- लक्ष्मी पूजा शुभ मुहूर्त 1 नवंबर शाम 05 बजकर 36 मिनट से रात 6 बजकर 20 मिनट तक है।
- प्रदोष काल मुहूर्त शाम 05 बजकर 36 मिनट से रात 08 बजकर 15 मिनट तक है।
- आमावश्या तिथि प्रारंभ 31 अक्टूबर शाम 03 बजकर 50 मिनट से 01 नवंबर रात 06 बजकर 20 मिनट तक।
- वृषभ काल मुहूर्त रात्रि 06 बजकर 20 मिनट से रात्रि 08 बजकर 15 मिनट तक।
दिवाली 2024 पूजा विधि
इस त्यौहार को दिवाली तथा दीपावली, दीपों का त्योहार आदि नाम से जाना जाता है आईए जानते हैं कि इस दिन लक्ष्मी पूजन करने की विधि क्या है।
- इस दिन शाम के समय भगवान गणेश तथा माता लक्ष्मी की पूजा होती है।
- शाम के समय स्नान कर कर तथा नए वस्त्र पहन कर तैयार हो जाइए।
- उसके बाद भगवान गणेश तथा माता लक्ष्मी की मूर्ति को पूजा घर में स्थापित कीजिए।
- लड्डू, धूप, दीप, फूल माला, रोली आदि का भोग लगाया जाता है।
- गणेश चालीसा तथा लक्ष्मी चालीसा का पाठ किया जाता है।
- इसके बाद अगरबत्ती जलाई जाती है और देशी घी से आरती किया जाता है।
- प्रसाद को परिवार जनों में वितरण किया जाता है।
दीपावली की परंपराएं
दिवाली मनाने की परंपरा त्रेता युग से चली आ रही है भगवान राम माता सीता को रावण से छुड़ाकर जब अयोध्या लौटे थे तब से यह परंपरा चली आ रही है। दीपावली के दिन घर को दीपक से सजाया जाता है तथा घर में रंगोली बनाई जाती है इस दिन माता लक्ष्मी तथा साथ में भगवान गणेश की पूजा करने का विधान है। दीपक के साथ साथ दिवाली के दिन घर को रंग बिरंगी लाइटों से सजाकर दिवाली के उत्साह को सेलिब्रेट किया जाता है बच्चे पटाखे जलाकर इस त्यौहार में चार चांद लगा देते हैं सनातन धर्म की यह परंपरा युगों युगों से चली रही है।
दिवाली का इतिहास
यह त्योहार प्राचीन काल से ही मनाया जा रहा है यह त्यौहार भगवान राम के 14 वर्ष के वनवास पूरा करने के बाद अयोध्या लौटने की खुशी में मनाया जाता है।
पिता आदेश का पालन करने के लिए भगवान राम 14 वर्ष के वनवास पर गए थे जहां रावण ने माता सीता का हरण कर लिया भगवान राम, लक्ष्मण, हनुमान तथा अन्य वीर योद्धाओं के साथ रावण की नगरी लंका पहुंचे तथा वहां रावण का वध कर कर माता सीता को लेकर अयोध्या लौटे थे इसी खुशी में दीपावली का त्यौहार मनाया जाता है।
यह त्यौहार बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक तथा अधर्म पर धर्म की विजय का प्रतीक माना जाता है।
दिवाली का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व
दिवाली मनाने के अनेकों महत्व है यह सिर्फ खुशियों का नहीं बल्कि एकता और प्रेम का भी प्रतीक माना जाता है। यह त्यौहार हमें अपनों के करीब लाता है तथा हमें या याद दिलाता है कि हमारी संस्कृति कितनी प्राचीन है हमें अपनी संस्कृति से जुड़े रहता है इस त्यौहार का जुड़ाव हमारी आत्मा से है।
पर्यावरण और दिवाली
दिवाली से बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए सरकार ने पर्यावरण मुक्त दीवाली मनाने का लक्ष्य कई सालों से चला रही है दिवाली पर पर्यावरण प्रदूषण का सिर्फ एक कारण है। इस दिन लोग बहुतायत संख्या में पटाखे जलाते हैं जिससे पर्यावरण काफी प्रभावित होता है। इससे निपटने के लिए सरकार दिल्ली मुंबई आदि बड़े शहरों में पहले से ही निर्देश जारी कर देती है की दिवाली पर कोई भी पटाखे नहीं जलाएगा।
दिवाली पर व्यापार
आधुनिक समय में दिवाली का धार्मिक तथा सांस्कृतिक महत्व के साथ-साथ आर्थिक महत्व भी बढ़ चुका है।
क्योंकि दिवाली के दिन बहुत ही बड़ा व्यापार किया जाता है इस दिन के लिए व्यापारी पहले से ही तैयारी शुरू कर देते हैं देश के साथ-साथ पड़ोसी देश जैसे चीन भी भारत में दिवाली के दिन व्यापार करके करोड़ों का मुनाफा कमाता है।
क्योंकि इस दिन लोग बाजार से लाइट, दीपक, पटाखे, मूर्तियां, मिठाइयां तथा घर सजाने का सामान आदि खरीद कर लाते हैं जिससे व्यापारियों को बहुत ही अधिक धन का लाभ होता है। अधिकांश इलेक्ट्रॉनिक चीज चीन से इंपोर्ट की जाती है जिससे चीन सिर्फ दीपावली के त्योहार पर भारत से करोड़ों रुपए मुनाफा कमाता है।
पांच दिन Diwali 2024 में
दिवाली का त्योहार 5 दिनों तक मनाया जाता है यह त्यौहार धनतेरस के दिन शुरू होकर भाई दूज के दिन समाप्त होता है।
- धनतेरस (Dhanteras)
- छोटी दिवाली (Narak Chaturdashi)
- दिवाली (Diwali)
- गोवर्धन पूजा (Govardhan Puja)
- भाई दूज (Bhai Dooj)
Diwali 2024 के 5 दिन के बारे में विस्तार से
- धनतेरस- धनतेरस को धन त्रयोदशी के नाम से जाना जाता है धनतेरस दीपावली से दो दिन पहले पड़ता है इस दिन नई वस्तुएं जैसे बर्तन, आभूषण, टीवी, मोबाइल, फ्रिज, मोटरसाइकिल आदि खरीदने का प्रचलन है।
- नरक चतुर्दशी (Chhoti Diwali)- नरक चतुर्दशी दीपावली से एक दिन पहले पड़ती है इस दिन घर की साफ सफाई की जाती है तथा रात के समय एक दीपक जलाकर घर से बाहर रखा जाता है इस दीपक को जाम का दीपक के नाम से जाना जाता है। इसी दिन भगवान कृष्ण ने नरकासुर का वध किया था।
- दिवाली (Diwali 2024)- तीसरे दिन दिवाली का त्यौहार मनाया जाता है जो कि इस साल 2024 में 1 नवंबर दिन शुक्रवार को पड़ रहा है।
- गोवर्धन पूजा- दीपावली के अगले दिन गोवर्धन पर्वत की पूजा की जाती है इसी दिन भगवान श्री कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपने एक उंगली पर उठाकर भगवान इंद्र के प्रकोप से गोकुल वासियों की रक्षा किया था।
- भाईदूज का त्योहार- भाई दूज का दिन दिवाली का पांचवा तथा आखरी दिन होता है इस दिन बहने अपने भाइयों की लंबी उम्र, सुख समृद्धि तथा तरक्की के लिए व्रत रखती हैं।
दिवाली (दीपावली) के दिन विशेष व्यंजन
जब दीपावली हिंदुओं का मुख्य त्यौहार है ही तो इस दिन जाहिर सी बात है कि अनेक प्रकार के व्यंजन भी बनाए जाएंगे। इस दिन लोग अपने घरों में विभिन्न प्रकार के व्यंजन जैसे गुजिया, पनीर, पुरी, पुलाव, खीर, सेवई आदि पकवान बनाते हैं।
दिवाली पर की बुरी आदतें
सभी त्योहार हमें कुछ न कुछ सीख देने के लिए मनाए जाते हैं लेकिन लोग इन त्योहारों के दिन बुरी आदतें अपनाकर इन त्योहारों का नाम खराब करते हैं।
जैसे दीपावली के दिन लोग जुआ खेलते हैं इस दिन सभी जगह जुआ खेला जाता है जो की समाज पर बुरा प्रभाव डालता है क्योंकि कोई भी त्यौहार हमें जुआ खेलना नहीं सिखाता है।
यह सिर्फ लोगों द्वारा बनाया गया सिर्फ एक ढोंग है। जो समाज को प्रभावित करता है। इसके अलावा इस दिन कुछ लोग शराब पीकर झगड़ा तथा मारपीट करते हैं। यह सब बुरी आदतों को त्यागकर दिवाली का त्योहार अच्छे से मनाना चाहिए क्योंकि यह त्योहार खुशियों का त्यौहार है अच्छी बातें, अच्छी आदतें सीखने का त्यौहार है।
Diwali से जुड़े रोचक तथ्य
- दिवाली हिंदुओं का प्रमुख त्योहार है।
- भगवान राम, लक्ष्मण तथा माता सीता के 14 वर्ष का वनवास काटकर वापस अयोध्या की खुशी में यह त्योहार मनाते है।
- इस त्योहार को प्रकाश कात्योहार माना जाता है।
- दिवाली का त्यौहार अधर्म पर धर्म की विजय का प्रतीक है।
- दिवाली का त्योहार एकता का भी प्रतीक माना जाता है।
- दिवाली 2024 में 1 नवंबर को है।
- इस दिन विभिन्न प्रकार के पकवान बनाए जाते हैं।
- दिवाली से 2 दिन पहले धनतेरस का त्यौहार पड़ता है।
- धनतेरस के दिन नई वस्तुएं खरीदने का प्रचलन है।
- दिवाली से एक दिन पहले छोटी दीपावली पड़ती है।
- दीपावली का त्यौहार भारत समेत विश्व भर में मनाया जाता है।
- अमेरिका जैसे देशों में इस दिन भारतीयों के लिए अवकाश रहता है।
- इस दिन अन्य देश भारत को दिवाली का बढ़ाई संदेश देते हैं।
FAQ- Diwali 2024 से जुड़े लोगों के रोचक प्रश्न
.1. कब है Diwali 2024
उत्तर- 2024 मैं दिवाली 1 नवंबर दिन शुक्रवार को है।
Q.2. दिवाली का त्यौहार कितने दिनों तक मनाया जाता है?
उत्तर- दिवाली का त्योहार 5 दिनों तक मनाया जाता है धनतेरस, छोटी दिवाली, दिवाली, गोवर्धन पूजा तथा भाई दूज।
Q.3. दिवाली 2024 में कितने दिन की है?
उत्तर- 2024 में दिवाली 29 अक्टूबर को शुरू होकर 3 नवंबर को खत्म होगी।
Q.4. दिवाली का त्यौहार क्यों मनाया जाता है?
उत्तर- भगवान श्री राम 14 वर्ष का वनवास काटकर जिस दिन वापस अयोध्या लौटे थे उसी दिन को दिवाली के रूप में मनाया जाता है।
Q.5. दीपावली किस दिन है?
उत्तर- दिवाली 2024 में 1 नवंबर, शुक्रवार के दिन है।
Q.6. परिवार में मृत्यु हो तो क्या दिवाली मना सकते हैं?
उत्तर- समाज में ऐसी प्रथा है कि अगर दिवाली के दिन परिवार में किसी लोग की मृत्यु हो जाती है तो आने वाले वर्षों में दिवाली का त्यौहार नहीं मनाया जाता है।
Q.7. भाई दूज कब है 2024 में।
उत्तर- 3 November 2024
- छठ पूजा कब है? 2025, 2026, 2027, 2028, 2029 तथा 2030 में
- 2025 में छठ पूजा कब है? 27 या 28 अक्टूबर, शुभ मुहूर्त, नहाय खाय।
- bhai dooj kab hai 2024 Date, शुभ मुहूर्त तथा पूजा विधि, कैसे करें यम देवता को प्रसन्न।
- Govardhan Puja Kab Hai 2025, 2026, 2027 तथा 2028 में।
- Karva Chauth 2024: गाज़ीपुर में चांद कब निकलेगा।
[…] 2024 में करवा चौथ 20 अक्टूबर तथा दिवाली 31 अक्टूबर को […]
[…] में दीपावली 20 अक्टूबर दिन रविवार के पड़ रही है […]