Diwali 2026 Date & Shubh Muhurat: दिवाली हिंदुओं का सबसे प्रमुख त्योहार है। यह त्योहार अधर्म पर धर्म की विजय का प्रतीक है दीपावली का त्यौहार पूरे भारतवर्ष के साथ-साथ दुनिया के अन्य देशों में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। दीपावली के त्यौहार की प्रतीक्षा सभी भारतवासी बड़ी बेसब्री से करते हैं की दीपावली कब है (Diwali Kab Hai 2026, 2027, 2028) या दीपावली कब आएगी।
आज हम दीपावली से जुड़े इतिहास, परंपरा तथा इसके महत्व के बारे में बात करेंगे। साथ ही यह भी की 2026, 2027, 2028 में दिवाली कब है।
Diwali Kab Hai 2026, 2027 तथा 2028 में।
कार्तिक मास की अमावस्या तिथि को दिवाली का त्यौहार मनाया जाता है। साल 2026 में दिवाली 08 नवंबर दिन दिन रविवार को मनाई जाएगी। दिवाली का त्योहार पांच दिनों का होता है धनतेरस से इस त्यौहार की शुरुआत होती है तथा भाई दूज पर समाप्ति होती है।
त्योहार का नाम | दिवाली, दीपावली |
2026 में दिवाली कब है? | 08 नवंबर, दिन रविवार |
2027 में दिवाली कब है? | 29 अक्टूबर, दिन शुक्रवार |
2028 में दिवाली कब है? | 17 अक्टूबर, दिन मंगलवार |
Diwali 2026 शुभ मुहूर्त तथा पूजा विधि
हर वर्ष दिवाली का शुभ मुहूर्त अलग-अलग होता है। तो आईए जानते हैं की दिवाली 2026 का शुभ मुहूर्त कब है
- दिवाली का त्योहार 08 नवंबर 2026 दिन रविवार को है।
- लक्ष्मी पूजा शुभ मुहूर्त 08 नवंबर शाम 05 बजकर 55 मिनट से रात 07 बजकर 52 मिनट तक है।
- प्रदोष काल मुहूर्त शाम 05 बजकर 31 मिनट से रात 08 बजकर 08 मिनट तक है।
- वृषभ काल मुहूर्त रात्रि 05 बजकर 31 मिनट से रात्रि 08 बजकर 09 मिनट तक।
दिवाली 2026, 2027 तथा 2028 पूजा विधि
इस त्यौहार को दिवाली तथा दीपावली, दीपों का त्योहार आदि नाम से जाना जाता है आईए जानते हैं कि इस दिन लक्ष्मी पूजन करने की विधि क्या है।
- इस दिन शाम के समय भगवान गणेश तथा माता लक्ष्मी की पूजा होती है।
- शाम के समय स्नान कर कर तथा नए वस्त्र पहन कर तैयार हो जाइए।
- उसके बाद भगवान गणेश तथा माता लक्ष्मी की मूर्ति को पूजा घर में स्थापित कीजिए।
- लड्डू, धूप, दीप, फूल माला, रोली आदि का भोग लगाया जाता है।
- गणेश चालीसा तथा लक्ष्मी चालीसा का पाठ किया जाता है।
- इसके बाद अगरबत्ती जलाई जाती है और देशी घी से आरती किया जाता है।
- प्रसाद को परिवार जनों में वितरण किया जाता है।
दीपावली की परंपराएं
दिवाली मनाने की परंपरा त्रेता युग से चली आ रही है भगवान राम माता सीता को रावण से छुड़ाकर जब अयोध्या लौटे थे तब से यह परंपरा चली आ रही है। दीपावली के दिन घर को दीपक से सजाया जाता है तथा घर में रंगोली बनाई जाती है इस दिन माता लक्ष्मी तथा साथ में भगवान गणेश की पूजा करने का विधान है। दीपक के साथ साथ दिवाली के दिन घर को रंग बिरंगी लाइटों से सजाकर दिवाली के उत्साह को सेलिब्रेट किया जाता है बच्चे पटाखे जलाकर इस त्यौहार में चार चांद लगा देते हैं सनातन धर्म की यह परंपरा युगों युगों से चली रही है।
दिवाली का इतिहास
यह त्योहार प्राचीन काल से ही मनाया जा रहा है यह त्यौहार भगवान राम के 14 वर्ष के वनवास पूरा करने के बाद अयोध्या लौटने की खुशी में मनाया जाता है।
पिता आदेश का पालन करने के लिए भगवान राम 14 वर्ष के वनवास पर गए थे जहां रावण ने माता सीता का हरण कर लिया भगवान राम, लक्ष्मण, हनुमान तथा अन्य वीर योद्धाओं के साथ रावण की नगरी लंका पहुंचे तथा वहां रावण का वध कर कर माता सीता को लेकर अयोध्या लौटे थे इसी खुशी में दीपावली का त्यौहार मनाया जाता है।
यह त्यौहार बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक तथा अधर्म पर धर्म की विजय का प्रतीक माना जाता है।
दिवाली का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व
दिवाली मनाने के अनेकों महत्व है यह सिर्फ खुशियों का नहीं बल्कि एकता और प्रेम का भी प्रतीक माना जाता है। यह त्यौहार हमें अपनों के करीब लाता है तथा हमें या याद दिलाता है कि हमारी संस्कृति कितनी प्राचीन है हमें अपनी संस्कृति से जुड़े रहता है इस त्यौहार का जुड़ाव हमारी आत्मा से है।
पर्यावरण और दिवाली
दिवाली से बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए सरकार ने पर्यावरण मुक्त दीवाली मनाने का लक्ष्य कई सालों से चला रही है दिवाली पर पर्यावरण प्रदूषण का सिर्फ एक कारण है। इस दिन लोग बहुतायत संख्या में पटाखे जलाते हैं जिससे पर्यावरण काफी प्रभावित होता है। इससे निपटने के लिए सरकार दिल्ली, मुंबई, लखनऊ आदि बड़े शहरों में पहले से ही निर्देश जारी कर देती है की दिवाली पर कोई भी पटाखे नहीं जलाएगा।
दिवाली पर व्यापार
आधुनिक समय में दिवाली का धार्मिक तथा सांस्कृतिक महत्व के साथ-साथ आर्थिक महत्व भी बढ़ चुका है।
क्योंकि दिवाली के दिन बहुत ही बड़ा व्यापार किया जाता है इस दिन के लिए व्यापारी पहले से ही तैयारी शुरू कर देते हैं देश के साथ-साथ पड़ोसी देश जैसे चीन भी भारत में दिवाली के दिन व्यापार करके करोड़ों का मुनाफा कमाता है।
क्योंकि इस दिन लोग बाजार से लाइट, दीपक, पटाखे, मूर्तियां, मिठाइयां तथा घर सजाने का सामान आदि खरीद कर लाते हैं जिससे व्यापारियों को बहुत ही अधिक धन का लाभ होता है। अधिकांश इलेक्ट्रॉनिक चीज चीन से इंपोर्ट की जाती है जिससे चीन सिर्फ दीपावली के त्योहार पर भारत से करोड़ों रुपए मुनाफा कमाता है।
पांच दिन Diwali 2026 के
दिवाली का त्योहार 5 दिनों तक मनाया जाता है यह त्यौहार धनतेरस के दिन शुरू होकर भाई दूज के दिन समाप्त होता है।
- धनतेरस (Dhanteras) – 06 October 2026
- छोटी दिवाली (Narak Chaturdashi) – 07 October 2026
- दिवाली (Diwali) – 08 October 2026
- गोवर्धन पूजा (Govardhan Puja) – 09 October 2026
- भाई दूज (Bhai Dooj) – 10 October 2026
Diwali 2026 के 5 दिन के बारे में विस्तार से
- धनतेरस- धनतेरस को धन त्रयोदशी के नाम से जाना जाता है धनतेरस दीपावली से दो दिन पहले पड़ता है इस दिन नई वस्तुएं जैसे बर्तन, आभूषण, टीवी, मोबाइल, फ्रिज, मोटरसाइकिल आदि खरीदने का प्रचलन है।
- नरक चतुर्दशी (Chhoti Diwali)- नरक चतुर्दशी दीपावली से एक दिन पहले पड़ती है इस दिन घर की साफ सफाई की जाती है तथा रात के समय एक दीपक जलाकर घर से बाहर रखा जाता है इस दीपक को जाम का दीपक के नाम से जाना जाता है। इसी दिन भगवान कृष्ण ने नरकासुर का वध किया था।
- दिवाली (Diwali 2026)- तीसरे दिन दिवाली का त्यौहार मनाया जाता है जो कि इस साल 2024 में 08 नवंबर दिन रविवार को पड़ रहा है।
- गोवर्धन पूजा- दीपावली के अगले दिन गोवर्धन पर्वत की पूजा की जाती है इसी दिन भगवान श्री कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपने एक उंगली पर उठाकर भगवान इंद्र के प्रकोप से गोकुल वासियों की रक्षा किया था।
- भाईदूज का त्योहार- भाई दूज का दिन दिवाली का पांचवा तथा आखरी दिन होता है इस दिन बहने अपने भाइयों की लंबी उम्र, सुख समृद्धि तथा तरक्की के लिए व्रत रखती हैं।
दिवाली (दीपावली) के दिन विशेष व्यंजन
जब दीपावली हिंदुओं का मुख्य त्यौहार है ही तो इस दिन जाहिर सी बात है कि अनेक प्रकार के व्यंजन भी बनाए जाएंगे। इस दिन लोग अपने घरों में विभिन्न प्रकार के व्यंजन जैसे गुजिया, पनीर, पुरी, पुलाव, खीर, सेवई आदि पकवान बनाते हैं।
दिवाली पर की बुरी आदतें
सभी त्योहार हमें कुछ न कुछ सीख देने के लिए मनाए जाते हैं लेकिन लोग इन त्योहारों के दिन बुरी आदतें अपनाकर इन त्योहारों का नाम खराब करते हैं।
जैसे दीपावली के दिन लोग जुआ खेलते हैं इस दिन सभी जगह जुआ खेला जाता है जो की समाज पर बुरा प्रभाव डालता है क्योंकि कोई भी त्यौहार हमें जुआ खेलना नहीं सिखाता है।
यह सिर्फ लोगों द्वारा बनाया गया सिर्फ एक ढोंग है। जो समाज को प्रभावित करता है। इसके अलावा इस दिन कुछ लोग शराब पीकर झगड़ा तथा मारपीट करते हैं। यह सब बुरी आदतों को त्यागकर दिवाली का त्योहार अच्छे से मनाना चाहिए क्योंकि यह त्योहार खुशियों का त्यौहार है अच्छी बातें, अच्छी आदतें सीखने का त्यौहार है।
Diwali से जुड़े रोचक तथ्य
- दिवाली हिंदुओं का प्रमुख त्योहार है।
- भगवान राम, लक्ष्मण तथा माता सीता के 14 वर्ष का वनवास काटकर वापस अयोध्या की खुशी में यह त्योहार मनाया जाता है।
- इस त्योहार को प्रकाश का त्योहार के नाम से जाना जाता है।
- दिवाली के उपलक्ष्य में 5 दिन का राष्ट्रीय अवकाश रहता है।
- दिवाली का त्यौहार अधर्म पर धर्म की विजय का प्रतीक है।
- दिवाली का त्योहार एकता का भी प्रतीक माना जाता है।
- दिवाली 2027 में 29 अक्टूबर को है।
- इस दिन विभिन्न प्रकार के पकवान बनाए जाते हैं।
- दिवाली से 2 दिन पहले धनतेरस का त्यौहार पड़ता है।
- धनतेरस के दिन नई वस्तुएं खरीदने का प्रचलन है।
- दिवाली से एक दिन पहले छोटी दीपावली पड़ती है।
- दीपावली का त्यौहार भारत समेत विश्व भर में मनाया जाता है।
- अमेरिका जैसे देशों में इस दिन भारतीयों के लिए अवकाश रहता है।
- इस दिन अन्य देश भारत को दिवाली का बढ़ाई संदेश देते हैं।
FAQ- Diwali Kab Hai 2026 Me से जुड़े लोगों के रोचक प्रश्न
Ans. 2026 में दिवाली 08 नवंबर दिन रविवार को है।
Ans. दिवाली का त्यौहार 5 दिनों का होता है – धनतेरस, छोटी दिवाली, दिवाली, गोवर्धन पूजा, भाई दूज।
Ans. 2026 में दिवाली 06 नवंबर से शुरू होकर 10 नवंबर को खत्म होगी।
Ans. 08 नवंबर दिन रविवार
Ans. 2026 में गोवर्धन पूजा 09 नवंबर दिन सोमवार को है।
Ans. 2026 में भाई दूज 10 नवंबर को है।
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