मकर संक्रांति का त्यौहार सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने के दौरान मनाया जाता है। इसलिए इसे मकर संक्रांति के नाम से जाना जाता है। मकर संक्रांति का त्यौहार मनाने के बाद सर्दी का मौसम खत्म हो जाता है तथा गर्मी का ऋतु का आरंभ हो जाता है मकर संक्रांति का त्यौहार हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है और यह भारत के विभिन्न राज्यों में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है मकर संक्रांति को दक्षिण भारत में पोंगल नाम से जाना जाता है इस दिन से रातें छोटी तथा दिन लंबे होने लगते हैं। हम इस आर्टिकल के माध्यम से जानने वाले हैं कि Makar Sankranti kab hai 2025, 2026, 2027, 2028।
Makar sankranti Kab Hai 2025 Mein? मकर संक्रांति कब है?
Makar Sankranti हर साल जनवरी महीने के 14 या 15 तारीख को मनाई जाती है। साल 2025 में मकर संक्रांति का त्यौहार 14 जनवरी दिन मंगलवार को मनाया जाएगा।
मकर संक्रांति कब है? 2025, 2026, 2027, 2028 में लिस्ट देखें।
साल | तारीख |
2025 में मकर संक्रांति कब है? | 14 फरवरी |
2026 में मकर संक्रांति कब है? | 14 फरवरी या 15 फरवरी |
2027 में मकर संक्रांति कब है? | 14 फरवरी या 15 फरवरी |
2028 में मकर संक्रांति कब है? | 14 फरवरी या 15 फरवरी |
2026 में Makar Sankranti kab hai
हर वर्ष की बातें इस वर्ष 2026 में भी मकर संक्रांति 14 फरवरी दिन बुधवार को मनाई जाएगी मकर संक्रांति के दिन पकवान में खिचड़ी बनाना बहुत ही शुभ माना जाता है।
Makar Sankranti kab hai 2027 Mein
साल 2027 में मकर संक्रांति का त्यौहार 15 जनवरी दिन शुक्रवार को मनाई जाएगी इस दिन दक्षिण भारत का प्रसिद्ध त्योहार पोंगल भी मनाया जाएगा जिसे दक्षिण भारत के मकर संक्रांति के नाम से जाना जाता हैं।
Makar Sankranti kab hai 2028
साल 2028 में मकर संक्रांति तथा पोंगल का त्योहार 15 जनवरी दिन शनिवार के दिन मनाया जाएगा।
मकर संक्रांति पर रीति-रिवाज
गंगा स्नान: मकर संक्रांति के दिन गंगा स्नान करना बहुत ही शुभ माना जाता है। इस दिन पवित्र नदियों में लोग तथा साधु संत स्नान करते है। मान्यता है कि मकर संक्रांति के दिन गंगा स्नान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है तथा दुखों व पापों का नाश होता है।
दान-पुण्य: गंगा स्नान करने के बाद ब्राह्मण तथा गरीब दुखियों को अनाज, कपड़ा, तिल तथा गुड आदि दान करना बहुत ही शुभ माना जाता है।
विशेष पकवान: मकर संक्रांति के दिन खिचड़ी, चुरा, लाई, गुड, तिलवा, दूध चूड़ा, दही चूड़ा आदि का सेवन किया जाता है इस दिन घर में भोजन नहीं बनता सिर्फ खिचड़ी बनाई जाती है तथा दूध चुरा या दही चूड़ा का सेवन किया जाता है।
पतंगबाजी: मकर संक्रांति का त्यौहार आए और पतंगबाजी का नाम ना हो तो यह त्यौहार फीका-फीका सा लगता है इस दिन शहर, गांव, मोहल्ले आदि के बच्चे आपस में पतंगबाजी करते हैं और एक दूसरे की पतंग काटकर मकर संक्रांति के त्यौहार का आनंद लेते हैं।
कुश्ती का आयोजन: मकर संक्रांति के दिन विभिन्न खेल स्थान पर कुश्ती का आयोजन किया जाता है।
मेले का आयोजन: मकर संक्रांति के दिन मेले का आयोजन करना सदियों से चली आ रही प्रथम है। इस दिन विभिन्न स्थलों पर विशालकाय मेले का आयोजन किया जाता है जिसमें महिलाएं बच्चे बूढ़े पुरुष आदि जाते हैं और मेले का लुफ्त उठाते हैं।
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Makar Sankranti पर पकवान
मकर संक्रांति के दिन भारत के सभी घरों में खिचड़ी पकवान बनाई जाती है जिसे खाकर लोग मकर संक्रांति का त्यौहार मनाते हैं।
दही-चूड़ा तथा हलवा-पूरी भी मकर संक्रांति के विशेष पकवानों में शामिल है।
मकर संक्रांति के दिन अन्न भेंट करने की प्रथा
यह मकर संक्रांति का त्यौहार धान की कटाई के समय तथा गेहूं की बुवाई के समय बनाया जाता है यह त्योहार फसलों के लिए जाना जाता है और यह त्यौहार विशेष कर अन्न भेंट की प्रथा के लिए प्रचलित है इस दिन लोग अपने रिश्तेदारों को चुरा, लाई, गुड, तिल मिठाई, बादामपट्टी, चावल आदि भेंट करते हैं।
मकर संक्रांति से जुड़े रोचक तथ्य
- मकर संक्रांति का त्योहार सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने के दौरान मनाया जाता है।
- इस दिन से सूर्य उत्तर दिशा की ओर गमन करने लगता है जिसकी वजह से दिन बड़े तथा रातें छोटी होती है।
- अन्य सभी भारतीय त्योहार चंद्र कैलेंडर के आधार पर मनाए जाते हैं मगर मकर संक्रांति सूर्य की स्थिति के आधार पर मनाया जाता है।
- यह हर साल 14 या 15 जनवरी को मनाया जाता है
- दक्षिण भारत में से पोंगल के नाम से जाना जाता है।
- नेपाल में किस माघे संक्रांति के नाम से जाना जाता है।
- यह त्योहार भारत के साथ-साथ नेपाल कनाडा थाईलैंड में हमार श्रीलंका तथा बांग्लादेश में मनाया जाता है।
- मकर संक्रांति के दिन पतंग उड़ाना उत्तरायण के नाम से जाना जाता है।
- मकर संक्रांति को दान पुण्य का पर्व माना जाता है इस दिन दान करना शुभ होता है
- मकर संक्रांति के दिन गंगा स्नान करने से सभी पाप मिट जाते हैं
- इस दिन लोग अपने रिश्तेदारों को अन्न भेंट करते हैं
- भीष्म पितामह ने अपनी मृत्यु के लिए मकर संक्रांति का दिन चुना था
- मकर संक्रांति को पंजाब में माघी
- तमिलनाडु में पोंगल
- असम में भोगाली बिहू
- कर्नाटक में संक्रांति हब्बा के नाम से जाना जाता है।
FAQ: Makar Sankranti kab hai से जुड़े रोचक प्रश्न
उत्तर- 2025 में मकर संक्रांति 14 जनवरी दिन मंगलवार को है।
उत्तर- 14 फरवरी 2025 को 09 बजकर 03 मिनट पर मकर राशि में प्रवेश करेंगे।
उत्तर- मकर संक्रांति का त्योहार सूर्य देवता का मकर राशि में प्रवेश करने तथा फसल कटाई के उत्सव के रूप में मनाया जाता है।
उत्तर- मकर संक्रांति के दिन सूर्य भगवान, गणेश भगवान, विष्णु जी शंकर भगवान, तथा माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है।
उत्तर- इस दिन नदियों में स्नान करना बहुत शुभ माना जाता है।
- Makar Sankranti kab hai 2025, 2026, 2027, 2028
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