दो पत्ती वाला बेलपत्र का महत्व क्या है?

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सनातन धर्म में बेलपत्र का बहुत अधिक महत्व है। दो पत्ती वाला बेलपत्र इतना दुर्लभ होता है की इसके दर्शन मात्र से शरीर के रोग दूर होने लगते है। बेलपत्र के बिना भगवान शिव की पूजा अधूरी मानी जाती है। बिना बेलपत्र के शिव पूजा संपन्न नहीं हो सकती है। बेलपत्र भी कई प्रकार के होते है इनमे सबसे कॉमन तीन पत्तों वाला होता है। लेकिन इसके अलावा 1, 2, 4, 5 पत्ते वाले बेलपत्र होते है जो बहुत ही दुर्लभ माने जाते है ऐसा माना जाता है की यह बहुत ही भाग्यशाली लोगों को ही मिलते है। तो आईए इस लेख के माध्यम से जानते है कि दो पत्ती वाला बेलपत्र का महत्व क्या है? तथा इसका शिवलिंग पर चढ़ाने की सही विधि क्या है।

दो पत्ती वाला बेलपत्र का महत्व क्या है? Do Patti Wale Belpatra Ka Mahatva 

दो पत्ती वाला बेलपत्र बहुत ही दुर्लभ तथा चमत्कारी होता है शिव पुराण के अनुसार बेलपत्र के दर्शन मात्र से पुराने से पुराने रोग खत्म होने लगते हैं। 

ऐसा माना जाता है कि दो पत्ती वाला बेलपत्र बेल के पेड़ पर बहुत ही काम देखने को मिलता है।

भाग्यशाली लोग ही दो पत्ती वाले बेलपत्र को देख पाते है।

दो पत्ती वाले बेलपत्र को शिवलिंग पर कैसे चढ़ाए

जिस प्रकार तीन पत्ती वाले बेलपत्र भगवान शिव के तीनों आंखों तथा ब्रह्मा विष्णु महेश तीनों देवताओं को दर्शाते हैं इस प्रकार पांच पत्ती वाले बेलपत्र भगवान शिव के परिवार को दर्शाते हैं। लेकिन सभी प्रकार के बेलपत्र को चढ़ाने का अलग ही उपाय होता है क्योंकि दो पत्ती वाले बेलपत्र को शिवलिंग पर नहीं चढ़ाया जाता तो आईए जानते हैं कि आखिरकार दो पत्ती वाले बेलपत्र का क्या किया जाता है।

  • दो पत्ती वाले बेलपत्र को शिवलिंग पर नहीं चढ़ाया जाता है। 
  • पतियों पर चंदन से ओम नमः शिवाय लिखें।
  • इस बेलपत्र को शिव मंदिर के दर्शन कराए जाते हैं। 
  • इसके बाद इसे घर में लाकर रख दिया जाता है। 
  • घर में लाकर सोना, चांदी, पैसे, गहने इत्यादि के साथ रखें। 
  • या फिर अपनी जरूरी दस्तावेज डॉक्यूमेंट आदि के साथ रखें। 
  • ऐसा करने से धन संपत्ति में वृद्धि होती है।
  • तथा नौकरी  आदि मिलने की संभावना अधिक हो जाती है। 
  • आपको यह याद रहे की दो पत्ती वाले बेलपत्र को शिवलिंग पर नहीं चढ़ाया जाता है।

दो पत्ती वाले बेलपत्र के फायदे

  • इस तरह के बेलपत्र को घर में रखने पर सुख समृद्धि तथा धन का लाभ होता है।
  • पैसों के साथ रखने पर धन हानि नहीं होती। 
  • जरूरी दस्तावेज के साथ रखने पर नौकरी मिलने की संभावना होती है। 
  • इसे खाने पर शरीर के सारे कष्ट रोग आदि दूर हो जाते हैं। 
  • दो पत्ती वाले बेलपत्र में बहुत ही चमत्कारी भी पाए जाते हैं जो दुखों को हर लेते है।

दो पत्ती वाले बेलपत्र खाने से लाभ

जिस प्रकार तीन पत्ती वाले बेलपत्र को या शिवलिंग पर चढ़ाए हुए बिली पत्र को खा सकते हैं इस प्रकार दो पत्ती वाले बेलपत्र को खाना बहुत ही लाभकारी माना गया है ऐसा माना जाता है कि इस बेलपत्र को खाने से शरीर में वर्षों से चले जा रहे हैं जटिल से जटिल रोगों से मुक्ति मिलती है।

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चार पत्ती वाले बेलपत्र का महत्व क्या है?

चाय पत्ती वाले बेलपत्र के नीचे की दो पत्तियां पर चंदन का लेप तथा ऊपर की दो पत्तियों पर शहद का लेप लगाकर शिवलिंग पर चढ़ाए। शिवलिंग पर चढ़ने के बाद उसे घर पर लाकर रखने मात्र से बरसों से चली आ रही कोर्ट कचहरी के चक्कर, करियर में बाधा तथा पुराने से पुराना रोग से छुटकारा मिलता है।

FAQ- दो पत्ती वाले बेलपत्र से जुड़े लोगों के रोचक प्रश्न

प्रश्न- शिवलिंग पर चढ़ाया हुआ बेलपत्र खा सकते है?
उत्तर- शिवलिंग पर चढ़ाया हुआ बेलपत्र खाने से शरीर की परेशानियां तथा रोग दूर हो जाते हैं।

प्रश्न- तीन पत्ती वाले बेलपत्र किस चीज को दर्शाते हैं? 
उत्तर- तीन पत्ती वाले बेलपत्र भगवान शिव के तीन आंख को दर्शाते हैं।

प्रश्न- पांच पत्ती वाले बेलपत्र को कहां रखना चाहिए। 
उत्तर- पांच पत्ती वाले बेलपत्र को शमी वृक्ष के नीचे रखकर पूजा करनी चाहिए। 

प्रश्न- बेलपत्र कितने प्रकार के होते हैं? 
उत्तर- बेलपत्र कई प्रकार के हो सकते हैं जैसे एक पत्ती, दो पत्ती, तीन पत्ती, चार पत्ती, पांच पत्ती यहां तक की अब तक का सबसे अधिक पत्ती वाला बेलपत्र मिला है जिसमें 13 पत्तियां थी।

प्रश्न- बेलपत्र को शिवलिंग पर कैसे चढ़ाना चाहिए। 
उत्तर- बेलपत्र को शिवलिंग पर जल के साथ चढ़ाना चाहिए।

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