Holi 2025 Date: खुशियों तथा रंगों का त्यौहार होली 2025 में 14 मार्च दिन शुक्रवार को पड़ रही है। प्रतिवर्ष Holi का त्यौहार बड़ी धूम धाम से पूरे भारतवर्ष में मनाया जाता है। इस दिन सभी भारतवासी एक दूसरे को रंग गुलाल लगाकर अच्छे भविष्य की शुभकामनाएं देते हैं। हम इस लेख के माध्यम से चर्चा करेंगे की 2025, 2026, 2027, 2028 Me Holi Kab Hai तथा होलिका दहन का शुभ मुहूर्त।
2025, 2026, 2027, 2028 Me Holi Kab Hai होलिका दहन का शुभ मुहूर्त।
होली का त्यौहार फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। साल 2025 में होली का त्यौहार 14 मार्च दिन शुक्रवार को है। होलिका दहन या छोटी होली से एक दिन पहले पड़ता है। जिस रात को होला दहन होता है ठीक अगली सुबह होली का उत्सव मनाया जाता है।
- साल 2025 में होली का त्यौहार 14 मार्च को है।
- साल 2026 में होली का त्यौहार 04 मार्च को है।
- साल 2027 में होला का त्यौहार 22 मार्च दिन सोमवार को है।
- साल 2028 में होली का त्यौहार 11 मार्च शनिवार को है।
- 2029 में होला का त्यौहार 01 मार्च, बुधवार को है।
- 2030 में होली 20 मार्च को है।
2025 में होलिका दहन का शुभ मुहूर्त
2025 में होलिका दहन 13 मार्च को किया जाएगा। जैसा कि आप सभी जानते हैं बसंत पंचमी वाले दिन गांव के बाहर होलिका दहन के लिए नीव रखी जाती है तथा इसके एक महीने बाद होली का त्यौहार पड़ता है जिस जगह होलीका दहन करना होता है उस जगह पर गांव के लोग लकड़ी, पुवाल, उपले आदि इकट्ठा करके उसमें आग लगाते हैं और उसकी परिक्रमा कर दुखों से छुटकारा तथा अच्छे भविष्य की कामना करते हैं।
- 2025 में होलिका दहन का शुभ मुहूर्त दोपहर 12:30 से रात के 12:25 तक रहेगा।
होली के त्योहार का महत्व
होली का त्यौहार भारतीय सांस्कृतिक एकता का प्रतीक है इस दिन सभी धर्म, जाति, वर्ग के लोग एक साथ मिलकर बिना किसी भेदभाव के होली खेलते हैं होली का त्यौहार बुराइयों को दूर कर कर अपने साथ खुशियां लेकर रहता है यह त्योहार बसंत ऋतु के आगमन का भी प्रतीक है।
इस त्यौहार के दिन लोग एक दूसरे पर रंग लगाते हैं तथा रंग को पानी में घोलकर उसे एक दूसरे पर फेंकते हैं होली के त्यौहार को रंगों का त्यौहार भी कहा जाता है यह त्यौहार एक दूसरे को भावनाओं से जोड़ता है इसलिए इस त्यौहार को भारत के साथ साथ बल्कि विश्व के अन्य देश भी मानते हैं।
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होली का त्यौहार क्यों मनाया जाता है?
इस त्यौहार को मनाने की पीछे का सबसे बड़ी मान्यता है की भगवान विष्णु का एक भक्त प्रहलाद हुआ करते थे जिनके पिता का नाम हिरण कश्यप था। हिरण कश्यप नहीं चाहते थे कि उनका बेटा भगवान विष्णु की पूजा करें। वह चाहते थे कि उनका बेटा उनकी ही पूजा करें क्योंकि वह अपने को भगवान विष्णु से शक्तिशाली बताते थे। भक्त प्रहलाद के न मानने पर पिता हिरण कश्यप अनेकों बार भक्त प्रहलाद को मारने की नाकाम कोशिश कर चुके थे।
अंततः उन्होंने भक्त प्रहलाद को अग्नि में भस्म करने का निश्चय किया हिरणकश्यप की बहन होलीका प्रहलाद को लेकर दहकती अग्नि में बैठ गई। लेकिन भगवान विष्णु की कृपा से प्रहलाद को कुछ नहीं हुआ और होलिका अग्नि में भस्म हो गई। जिसको यह वरदान प्राप्त था कि उसे अग्नि कभी भी जला नहीं सकती। भगवान की इसी महिमा को देखते हुए होली का त्यौहार हर वर्ष मनाया जाता है तथा होली से एक दिन पहले होलिका दहन किया जाता है इस त्यौहार को बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है।
होली पर व्यापार
होली से कुछ दिन पहले भारतीय बाजार होली मनाने के सामानों से सज जाता है। होली मनाने के लिए भारतीय लोग बाजार जाकर खरीदारी करते हैं माना जाता है कि इस दिन करोड़ का व्यापार किया जाता है। इस व्यापार से लाभ कमाने के लिए भारत के साथ-साथ विदेशी व्यापारी भी भारत में अच्छे व्यापार करते हैं।
Holi पर खरीदारी
- होली पर लोग नए-नए कपड़े खरीदते है।
- रंग तथा गुलाल खरीदने हैं।
- बच्चों के लिए होली पर पिचकारी, रंग तथा खिलौने आदि खरीदा जाता है।
- होली पर पकवान बनाए जाते हैं जिसके लिए बाजार से रेसिपी की का सामान भी खरीदा जाता है।
- नए वस्त्र के साथ साथ इस दिन कार, बाइक आदि की खरीदारी करना शुभ माना जाता है।
होली पर पकवान
होली का नाम आए और पकवान की बात ना हो ऐसा हो नहीं सकता क्योंकि होली के दिन रंगों के साथ-साथ विभिन्न प्रकार के पकवान बनाए जाते हैं।
रंगो के त्योहार होली पर बनाए जाने वाले पकवान
- गुजिया
- गाजर का हलवा, सूजी का हलवा
- खीर, सेवई
- चावल, दाल, सब्जी, पूरी, चिप्स, पापड़ आदि
- मिठाइयां जैसे- गुलाब जामुन, रेवड़ी, लड्डू, दहीबड़े, रसगुल्ले आदि
- इस दिन अधिकांश लोग मांसाहारी भोजन खाना पसंद करते है।
होली के त्यौहार किसका प्रतीक है
रंगों का त्योहार होली प्रेम, भाईचारे तथा बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है इसका एक अर्थ यह भी है कि कठिन परिस्थितियों में भगवान अपने भक्त की सहायता अवश्य ही करते हैं।
विदेशों में होली – 2025 Me Holi Kab Hai विदेशों में
भारत के साथ-साथ विदेश में भी होली का त्यौहार बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है भारतीय समुदाय के लोगों के साथ विदेशी लोग होली का त्यौहार बहुत ही खुशी से मनाते हैं होली का त्यौहार मनाने के लिए विदेशी लोग भारत में आते हैं।
होली की शुभकामनाएं
इस त्यौहार के दिन लोग एक दूसरे को शुभकामनाएं देते हैं तथा भारत से जिन देशों के अच्छे संबंध है वे देश ऑफीशियली तौर पर भारत को होली के बधाई संदेश भेजते हैं।
होली पर सोशल मीडिया के जरिए लोग अपने नजदीकी, रिश्तेदारों तथा अपने चाहने वालों को होली से जुड़े शायरी तथा quotes भेजकर होली की बधाई देते हैं।
FAQ-
Q.1. भक्त प्रहलाद के पिता का क्या नाम था?
उत्तर- प्रहलाद के पिता का नाम हिरण कश्यप था।
Q.2. हिरण कश्यप की बहन का क्या नाम था?
उत्तर- हिरण कश्यप की बहन का नाम होलिका था।
Q.3. भक्त प्रहलाद किसके भक्त थे?
उत्तर- प्रहलाद भगवान विष्णु के भक्त थे।
Q.4. हिरण कश्यप को किस तरह का वरदान प्राप्त था?
उत्तर- हीरा कश्यप वरदान प्राप्त था कि उसे कोई भी नहीं मार सकता। ना ही मनुष्य, ना ही जानवर, ना ही भगवान, ना उसे दिन में मारा जा सकता था ना उसे रात में मारा जा सकता था ना उसे जमीन पर मारा जा सकता था ना उसे पानी में, ना उसे आसमान में मारा जा सकता है।
Q.5. होली कब है 2025 में।
उत्तर- 2025 में होली 14 मार्च दिन शुक्रवार के दिन है।
Q.6. Holi Kab hai 2026 में
उत्तर- 2026 में होली 4 मार्च के दिन पड़ रही है।
- छठ पूजा कब है? 2025, 2026, 2027, 2028, 2029 तथा 2030 में
- 2025 में छठ पूजा कब है? 27 या 28 अक्टूबर, शुभ मुहूर्त, नहाय खाय।
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