पर्यावरण के प्रति लोगो को जागरूक करने के लिए हर वर्ष 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस (World Enviremental Day) मनाया जाता है। जिसकी शुरुआत स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम से की गई थी।
इसी दिन यानि 25 जून 1974 को स्टॉकहोम में दुनिया का पहला पर्यावरण सम्मेलन का आयोजन किया गया था।
विश्व पर्यावरण दिवस कब मनाया जाता है?
दुनिया भर में पांच जून के दिन हर साल विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है।
विश्व पर्यावरण दिवस की शुरुआत साल 1972 में संयुक्त राष्ट्र संघ ने की थी।
तभी से हर वर्ष विश्व के सभी देश पर्यावरण दिवस मनाते है।
विश्व पर्यावरण दिवस का क्या महत्व है?
हरियाली से ही जीवन है हरियाली नहीं तो धरती पर रहना मुश्किल हो जाएगा पर्यावरण का संरक्षण ही हमारे जीवन का सुरक्षा कवच है।
पर्यावरण दिवस के मौके पर दुनिया भर में पर्यावरण को लेकर कई कार्यक्रम किए जाते हैं।
ताकि लोगों को पर्यावरण के बारे में जागरूक किया जा सके कैसे और कब इसकी शुरुआत हुई क्या है इसका इतिहास आइए जानते हैं।
पेड़-पौधे प्रकृति के ऐसे कीमती उपहार है जो सभी को ऑक्सीजन तो देते ही हैं जिससे सभी जीव जीवित रहते हैं।
तथा पर्यावरण को भी शुद्ध और संतुलित रखते हैं है लेकिन पिछले कुछ सालों में विकास की तेजी से बढ़ती रफ्तार का सबसे बुरा असर पर्यावरण पर ही पड़ा है।
विकास की धून में मानव जाति इतनी अंधी हो गयी है कि पर्यावरण को ही नष्ट कर रही हैं।
हर दिन दुनिया भर में प्रदूषण तेजी से बढ़ता जा रहा है प्रदूषण का स्तर बढ़ने से पिछले कुछ सालों में तापमान में अधिक बढ़ोतरी देखने को मिला है।
प्रदूषण के कारण कई जगह जलस्तर और बारिश पर भी असर पड़ा है कई प्रकार की बीमारियां भी बढ़ी हैं।
फिर भी इंसान इतना लापरवाह कैसे हो सकता है।
इसलिए लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करने के लिए हर साल पर्यावरण दिवस मनाया जाता है।
इस साल का विश्व पर्यावरण दिवस का थीम क्या है?
साल 2024 का विषय है “Land Restoration, Desertification And Drought Resilience” है जिसका अर्थ “भूमि बहाली, मरुस्थलीकरण और सूखा लचीलापन” है।
जलवायु परिवर्तन के कारण
जल प्रदूषण, वायु प्रदूषण, तथा मृदा प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन के मुख्य कारण है जो लोगों द्वारा फैलायी गयी गन्दगी, ग्रीनहाउस गैसे, कार्बन डाईआक्साइड गैस तथा पेड़ो की कटाई ने कारण होता है।
विश्व के देशों में आगे बढ़ने की होड़ ने पृथ्वी को विनाश की कगार पर ले आया है। प्राकृतिक से खिलवाड़ एक दिन पूरे विश्व को चुकाना होगा।
जल प्रदूषण:- जब हानिकारक पदार्थ जैसे किटनाशक, फैक्ट्रियों से निकला हुआ दूषित जल, प्लास्टिक प्रदूषण, कचरा आदि को नदी, तालाब, झील, कुआँ आदि जल स्रोतों में मिलाया जाता है।
जिसके कारण जल प्रदूषण होता है।
जल दूषित होने के साथ-साथ जल का दुरुपयोग भी अधिक हो रहा है जिससे कुछ ही वर्षो में पिने की किल्लत हो जायेगी।
वायु प्रदूषण:- जितने भी जीवाश्म ईंधन है जैसे कोयला, पेट्रोल, डीज़ल, मिटटी का तेल आदि के जलने से पर्यावरण में कार्बोन डाईआक्साइड, मेथेन, सल्फर डाईआक्साइड, हीलियम जैसी जहरीली गैस निकल कर वातावरण में फ़ैल कर वायु को दूषित करती है।
जिसके कारण वायु प्रदूषण फैलता है।
इसके अलावा फैक्ट्री व कारखानों से निकला हुआ धुआँ तथा पराली के जलने से निकला हुआ धुआँ भी वायु को दूषित करने में अहम भूमिका निभाता है।
जलवायु परिवर्तन की वजह से बहुत से बहुत से प्यारे पशु-पक्षी विलुप्त हो गए है तथा कुछ विलुप्त होने के कगार पर हैं।
अगर एक दिन कोई भी जिव जीवित नहीं बचेगा उस दिन कोई इंसान भी नहीं बचेगा।
पैसे की भूख इंसान को अँधा कर चुकी की इंसान यह भूल चूका है और खुद को भगवान का सबसे अच्छा तोहफा मानता है। लेकिन यह भूल गया है की सभी जिव जंतु भी भगवान का एक सुनहरा तौफा है क्योकि भगवान कोई भी फालतू नहीं बनाते है।
कुछ ऐसे जीव जो पर्यावरण प्रदूषण के कारण विलुप्त होने के कगार पर है।
गौरैया:-पांच साल पहले मैं अपने गांव में बहुत से गौरैया चिड़ियों का झुण्ड देखता था एक झुण्ड में कम से कम 50 से 100 गौरैया होती थी।
लेकिन अब सिर्फ पांच गौरैयों का झुण्ड दिखना मुश्किल हो गया है।
कभी कभार एक या दो ही गौरैया दिखती है इनकी पूरी जाति अब विलुप्त होने के कगार पर है।
सफ़ेद गैंडा:- सफ़ेद गैंडा धरती का एक दुर्लभ जिव है अब यह पूरी तरह लुप्त होने के कगार पर है क्योंकि पुरे विश्व में यह सिर्फ दो ही बचे है एक नर और मादा।
कैसे बनायें विश्व पर्यावरण दिवस को खास
पर्यावरण दिवस को खास बनाने के लिए इस दिन एक पेड़ अवश्य लगाए।
तथा पर्यावरण को प्रदूषण से मुक्त करने लिए लोगों को जागरूक करें।
हर एक व्यक्ति को एक महीने में एक पेड़ अवश्य लगाना चाहिए।
और पूरे वर्ष भर में कम से कम 10 से 12 पेड़ लगाना चाहिए।
निष्कर्ष:-
विश्व पर्यावरण दिवस हर साल 5 जून को मनाया जाता है विश्व पर्यावरण दिवस लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करने के लिए मनाया जाता है।
उत्तर:- 5 जून 1972 को संयुक्त राष्ट्र महासभा का आयोजन स्टॉकहोम में किया गया था।
उत्तर- 5 जून 1972 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने विश्व पर्यावरण मनाने का निर्णय लिया था।
उत्तर- पर्यावरण दिवस का दूसरा अंग्रेजी नाम world environment day है।
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